हम पक्षियों से क्या सीख सकते हैं ?
एक छोटे से गांव में , हरीश नाम का एक किसान रहता था। हरीश का एक बेटा , आरव , था जो बचपन से ही प्रकृति और पक्षियों के प्रति गहरा लगाव रखता था। वह अक्सर खेतों के पास लगे पेड़ों पर चिड़ियों के घोंसले देखता , और उनके छोटे - छोटे बच्चों को अपनी मां से उड़ने का हुनर सीखते हुए ध्यान से निहारा करता था। एक दिन , आरव ने देखा कि एक माँ चिड़िया अपने नन्हे बच्चों को उड़ने के लिए प्रेरित कर रही थी। पहले वे डरते थे , लेकिन फिर माँ के प्रोत्साहन से एक - एक कर सभी बच्चे पंख फैलाकर आसमान की ओर उड़ चले। माँ चिड़िया ने उनके पीछे उड़ने की कोशिश नहीं की , बल्कि आसमान की ओर देखते हुए , खुशी से चीं - चीं करती रही। आरव यह दृश्य देखकर अपने पिता हरीश के पास आया और कहा , " पापा , माँ चिड़िया ने अपने बच्चों को उड़ना सिखाया , और फिर उन्हें आसमान की आजादी दे दी। हम इंसान भी ऐसा क्यों नहीं करते ?" हरीश कुछ देर चुप रहा , फिर उसने कहा , " बिलकुल सही ...